गिला शिकवा Hindi Shayari

  • सब्र आ जाए इस की क्या उम्मीद;<br/>
मैं वही, दिल वही है तू है वही!Upload to Facebook
    सब्र आ जाए इस की क्या उम्मीद;
    मैं वही, दिल वही है तू है वही!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है;<br/>
लम्बी है गम की शाम मगर शाम ही तो है!Upload to Facebook
    दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है;
    लम्बी है गम की शाम मगर शाम ही तो है!
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • कुछ तुम ले गये, कुछ ज़माना;<br/>
इतना सकून हम लाते भी कहाँ से!Upload to Facebook
    कुछ तुम ले गये, कुछ ज़माना;
    इतना सकून हम लाते भी कहाँ से!
  • इज़ाज़त हो तो लिफाफे में रखकर थोड़ा वक़्त भेज दूँ;<br/>
सुना है कुछ लोगों को फुर्सत नहीं अपनों से बात करने की!Upload to Facebook
    इज़ाज़त हो तो लिफाफे में रखकर थोड़ा वक़्त भेज दूँ;
    सुना है कुछ लोगों को फुर्सत नहीं अपनों से बात करने की!
  • चाहो तो तुम भी हाल पूछ सकते हो हमारा;<br/>
कुछ हक़ दिए नहीं लिए जाते हैं!Upload to Facebook
    चाहो तो तुम भी हाल पूछ सकते हो हमारा;
    कुछ हक़ दिए नहीं लिए जाते हैं!
  • साजन हमसे मिले भी लेकिन ऐसे मिले कि हाय;<br/>
जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाये!Upload to Facebook
    साजन हमसे मिले भी लेकिन ऐसे मिले कि हाय;
    जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाये!
    ~ Jameeluddin Aali
  • मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला;<br/>
पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।Upload to Facebook
    मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला;
    पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।
  • कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,<br/>
चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है;<br/>
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास,<br/>
पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है।Upload to Facebook
    कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,
    चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है;
    माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास,
    पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है।
  • तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,<br/>
तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी;<br/>
क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,<br/>
जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी।Upload to Facebook
    तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,
    तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी;
    क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,
    जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी।
  • घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे;<br/>
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला!Upload to Facebook
    घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे;
    बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला!
    ~ Bashir Badr