गिला शिकवा Hindi Shayari

  • झूठ पर उस के भरोसा कर लिया;</br>
धूप इतनी थी कि साया कर लिया!Upload to Facebook
    झूठ पर उस के भरोसा कर लिया;
    धूप इतनी थी कि साया कर लिया!
    ~ Shariq Kaifi
  • मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी;</br>
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं!</br></br>
*सहरा: रेगिस्तानUpload to Facebook
    मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी;
    तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं!

    *सहरा: रेगिस्तान
    ~ Sultan Akhtar
  • अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उम्मीदें;</br>
ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ!</br></br>
*शमएँ: मोमबत्तीUpload to Facebook
    अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उम्मीदें;
    ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ!

    *शमएँ: मोमबत्ती
    ~ Ahmad Faraz
  • राह में बैठा हूँ मैं तुम संग-ए-रह समझो मुझे;</br>
आदमी बन जाऊँगा कुछ ठोकरें खाने के बाद!Upload to Facebook
    राह में बैठा हूँ मैं तुम संग-ए-रह समझो मुझे;
    आदमी बन जाऊँगा कुछ ठोकरें खाने के बाद!
    ~ Bekhud Dehlvi
  • कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई;</br>
दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई!</br></br>
*सदा: आवाज़/ पुकारUpload to Facebook
    कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई;
    दिल की दहलीज़ पे चुप-चाप खड़ा है कोई!

    *सदा: आवाज़/ पुकार
    ~ Khurshid Ahmad Jami
  • वो पूछता था मेरी आँख भीगने का सबब;</br>
मुझे बहाना बनाना भी तो नहीं आया!Upload to Facebook
    वो पूछता था मेरी आँख भीगने का सबब;
    मुझे बहाना बनाना भी तो नहीं आया!
    ~ Wasim Barelvi
  • तन्हाई का एक और मज़ा लूट रहा हूँ;</br>
मेहमान मेरे घर में बहुत आए हुए हैं!Upload to Facebook
    तन्हाई का एक और मज़ा लूट रहा हूँ;
    मेहमान मेरे घर में बहुत आए हुए हैं!
    ~ Shuja Khaavar
  • जवानी को बचा सकते तो हैं हर दाग़ से वाइज़;</br>
मगर ऐसी जवानी को जवानी कौन कहता है!Upload to Facebook
    जवानी को बचा सकते तो हैं हर दाग़ से वाइज़;
    मगर ऐसी जवानी को जवानी कौन कहता है!
    ~ Fani Badayuni
  • भोली बातों पे तेरी दिल को यकीन;</br>
पहले आता था अब नहीं आता!Upload to Facebook
    भोली बातों पे तेरी दिल को यकीन;
    पहले आता था अब नहीं आता!
    ~ Arzoo Lakhnavi
  • वो कौन हैं जिन्हें तौबा की मिल गई फ़ुर्सत;</br>
हमें गुनाह भी करने को ज़िंदगी कम है!Upload to Facebook
    वो कौन हैं जिन्हें तौबा की मिल गई फ़ुर्सत;
    हमें गुनाह भी करने को ज़िंदगी कम है!
    ~ Anand Narayan Mulla