हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे; बहारें हमको ढूँढेंगी न जाने हम कहाँ होंगे..! |
मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर; अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो ख़ैर! |
उसको चाहा भी तो इज़हार ना करना आया; कट गई उम्र हमे प्यार न करना आया! उसने माँगा भी तो हमसे जुदाई मांगी; और हम थे कि हमें इंकार ना करना आया..!! |
तेरी मुश्किल ना बढ़ाऊंगा चला जाऊंगा; अश्क आंखों में छुपाऊंगा चला जाऊंगा! अपनी दहलीज़ पर कुछ देर पड़ा रहने दे; जैसे ही होश में आऊंगा चला जाऊंगा! ख़्वाब लेने कोई आए के न आए कोई; मैं तो आवाज़ लगाऊंगा चला जाऊंगा! उन मेह्ल्लात से कुछ भी नही लेना मुझको; बस तुम्हे देखने आऊंगा चला जाऊंगा! |
तन्हाई में फ़रयाद तो कर सकता हूँ; वीराने को आबाद तो कर सकता हूँ| मैं जब चाहूँ आपसे मिल नही सकता; पर जब चाहूँ आपको याद तो कर सकता हूँ| |
ख़ुदा के वास्ते गुल को न मेरे हाथ से लो; मुझे बू आती है इस में किसी बदन की सी! |
यूँ लगे दोस्त तेरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना; जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना! |
तुझ से बिछड़ना कोई नया हादसा नहीं; ऐसे हज़ारों क़िस्से हमारी ख़बर में हैं! |
क़ुर्बतें लाख ख़ूबसूरत हों; दूरियों में भी दिलकशी है अभी! |
वो चार चाँद फ़लक को लगा चला हूँ 'क़मर'; कि मेरे बाद सितारे कहेंगे अफ़्साने! |