जुदाई Hindi Shayari

  • ख़ुदा के वास्ते गुल को न मेरे हाथ से लो;</br>
मुझे बू आती है इस में किसी बदन की सी!Upload to Facebook
    ख़ुदा के वास्ते गुल को न मेरे हाथ से लो;
    मुझे बू आती है इस में किसी बदन की सी!
    ~ Nazeer Akbarabadi
  • यूँ लगे दोस्त तेरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना;</br>
जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना!Upload to Facebook
    यूँ लगे दोस्त तेरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना;
    जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना!
    ~ Qateel Shifai
  • तुझ से बिछड़ना कोई नया हादसा नहीं;</br>
ऐसे हज़ारों क़िस्से हमारी ख़बर में हैं!Upload to Facebook
    तुझ से बिछड़ना कोई नया हादसा नहीं;
    ऐसे हज़ारों क़िस्से हमारी ख़बर में हैं!
    ~ Aashufta Changezi
  • क़ुर्बतें लाख ख़ूबसूरत हों;</br>
दूरियों में भी दिलकशी है अभी!Upload to Facebook
    क़ुर्बतें लाख ख़ूबसूरत हों;
    दूरियों में भी दिलकशी है अभी!
    ~ Ahmad Faraz, * क़ुर्बतें: नज़दीकियां
  • वो चार चाँद फ़लक को लगा चला हूँ 'क़मर';</br>
कि मेरे बाद सितारे कहेंगे अफ़्साने!Upload to Facebook
    वो चार चाँद फ़लक को लगा चला हूँ 'क़मर';
    कि मेरे बाद सितारे कहेंगे अफ़्साने!
    ~ Qamar Jalalvi
  • मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे;</br>
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे!Upload to Facebook
    मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे;
    तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे!
    ~ Mirza Ghalib
  • नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम,</br>
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम;</br>
ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी,</br>
कोई हंगामा बरपा क्यों करें हम!</br></br>
*बरपा: होनाUpload to Facebook
    नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम,
    बिछड़ना है तो झगड़ा क्यों करें हम;
    ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी,
    कोई हंगामा बरपा क्यों करें हम!

    *बरपा: होना
    ~ Jaun Elia
  • अब तो चुप-चाप शाम आती है;</br>
पहले चिड़ियों के शोर होते थे!Upload to Facebook
    अब तो चुप-चाप शाम आती है;
    पहले चिड़ियों के शोर होते थे!
    ~ Mohammed Alvi
  • जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए;</br>
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया!Upload to Facebook
    जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए;
    तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया!
    ~ Nasir Kazmi
  • उस गली ने ये सुन के सब्र किया;</br>
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं!Upload to Facebook
    उस गली ने ये सुन के सब्र किया;
    जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं!
    ~ Jaun Elia