Hindi Shayari

  • ओ दिल तोड़ के जाने वाले दिल की बात बताता जा:<br/>
अब मैं दिल को क्या समझाऊँ मुझ को भी समझाता जा!Upload to Facebook
    ओ दिल तोड़ के जाने वाले दिल की बात बताता जा:
    अब मैं दिल को क्या समझाऊँ मुझ को भी समझाता जा!
    ~ Hafeez Jullundhari
  • अदाएँ देखने बैठे हो क्या आईने में अपनी;<br/>
दिया है जिस ने तुम जैसे को दिल उस का जिगर देखो!Upload to Facebook
    अदाएँ देखने बैठे हो क्या आईने में अपनी;
    दिया है जिस ने तुम जैसे को दिल उस का जिगर देखो!
    ~ Bekhud Dehlvi
  • पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है;<br/>
ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है!Upload to Facebook
    पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है;
    ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है!
    ~ Ahmad Mushtaq
  • कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा;<br/>
हसरत-ए-दीदार ने आँखों को अंधा कर दिया!Upload to Facebook
    कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा;
    हसरत-ए-दीदार ने आँखों को अंधा कर दिया!
    ~ Khwaja Haider Ali Aatish
  • कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है;<br/> 
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है!Upload to Facebook
    कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है;
    रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है!
    ~ Shakeel Badayuni
  • रात को सोना न सोना सब बराबर हो गया;<br/> 
तुम न आए ख़्वाब में आँखों में ख़्वाब आया तो क्या!Upload to Facebook
    रात को सोना न सोना सब बराबर हो गया;
    तुम न आए ख़्वाब में आँखों में ख़्वाब आया तो क्या!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • हर वक़्त की आह-ओ-ज़ारी से दम भर तो ज़रा मिलती फ़ुर्सत;<br/> 
रोना ही मुक़द्दर था मेरा तो किस लिए मैं शबनम न हुआ!Upload to Facebook
    हर वक़्त की आह-ओ-ज़ारी से दम भर तो ज़रा मिलती फ़ुर्सत;
    रोना ही मुक़द्दर था मेरा तो किस लिए मैं शबनम न हुआ!
    ~ Sohail Azeemabadi
  • ऐसा भी कोई ग़म है जो तुम से नहीं पाया;<br/>
ऐसा भी कोई दर्द है जो दिल में नहीं है!Upload to Facebook
    ऐसा भी कोई ग़म है जो तुम से नहीं पाया;
    ऐसा भी कोई दर्द है जो दिल में नहीं है!
    ~ Saba Akbarabadi
  • ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया;<br/>
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया!Upload to Facebook
    ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया;
    जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया!
    ~ Shakeel Badayuni
  • आँखें ख़ुदा ने बख़्शी हैं रोने के वास्ते;<br/>
दो कश्तियाँ मिली हैं डुबोने के वास्ते!Upload to Facebook
    आँखें ख़ुदा ने बख़्शी हैं रोने के वास्ते;
    दो कश्तियाँ मिली हैं डुबोने के वास्ते!
    ~ Muneer Shikohabadi