गिला शिकवा Hindi Shayari

  • हर कोई मिलता है यहाँ पहन सच का नक़ाब;
    मुश्किल है पहचान पाना यहाँ कौन अच्छा है कौन ख़राब।
  • कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हम से;
    मिलना पड़ेगा आखिर कभी ज़रूर हम से;
    नज़रें चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी;
    कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से।
  • अब उस की शक्ल भी मुश्किल से याद आती है;
    वो जिस के नाम से होते न थे जुदा मेरे लब।
    ~ Ahmad Mushtaq
  • मेरी ख़बर तो किसी को नहीं मगर 'अख़्तर';
    ज़माना अपने लिए होशियार कैसा है।
    ~ Akhtar Ansari
  • ज़िंदा रहे तो क्या है, जो मर जाएं हम तो क्या;
    दुनिया से ख़ामोशी से गुज़र जाएं हम तो क्या;
    हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने;
    एक ख्वाब हैं जहान में बिखर जायें हम तो क्या।
  • उन से कह दो मुझे ख़ामोश ही रहने दे 'वसीम';
    लब पे आएगी तो हर बात गिराँ गुज़रेगी।
    ~ Wasim Barelvi
  • भूल गए वो यह कि उन्हें हसाया किसने था;
    जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था;
    वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद;
    वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था।
  • तू कहाँ जाएगी कुछ अपना ठिकाना करने;
    हम तो कल ख़्वाब-ए-अदम में शब-ए-हिज्राँ होंगे।
    ~ Hakim Momin Khan Momin
  • मेरी कबर पे वो रोने आये हैं;<br />
हम से प्यार है ये कहने आये हैं;<br />
जब ज़िंदा थे तो रुलाया बहुत;<br />
अब आराम से सोये हैं तो जगाने आये हैं।Upload to Facebook
    मेरी कबर पे वो रोने आये हैं;
    हम से प्यार है ये कहने आये हैं;
    जब ज़िंदा थे तो रुलाया बहुत;
    अब आराम से सोये हैं तो जगाने आये हैं।
  • मतलबी दुनिया के लोग खड़े हैं हाथों में पत्थर लेकर;<br />
मैं कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर।Upload to Facebook
    मतलबी दुनिया के लोग खड़े हैं हाथों में पत्थर लेकर;
    मैं कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर।