अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है; कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है! |
आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ; वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ! |
हैरान मत हो तैरती मछली को देख कर; पानी में रौशनी को उतरते हुए भी देख! |
मेरा बचपन भी साथ ले आया; गाँव से जब भी आ गया कोई! |
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में; जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं! |
जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई; दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई! |
लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैं; अपनी आँखों को झुकाए रखना; |
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ; कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए! *लरज़ता: Waver, Shake, Quiver |
समेट ले गए सब रहमतें कहाँ मेहमान; मकान काटता फिरता है मेज़बानों को! |
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया; घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है! |