अन्य Hindi Shayari

  • अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है;</br>
कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है!Upload to Facebook
    अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है;
    कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है!
    ~ Zehra Nigaah
  • आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ;</br>
वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ!Upload to Facebook
    आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ;
    वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ!
    ~ Ummeed Fazli
  • हैरान मत हो तैरती मछली को देख कर;</br>
पानी में रौशनी को उतरते हुए भी देख!Upload to Facebook
    हैरान मत हो तैरती मछली को देख कर;
    पानी में रौशनी को उतरते हुए भी देख!
    ~ Mohammed Alvi
  • मेरा बचपन भी साथ ले आया;</br>
गाँव से जब भी आ गया कोई!Upload to Facebook
    मेरा बचपन भी साथ ले आया;
    गाँव से जब भी आ गया कोई!
    ~ Kaifi Azmi
  • क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में;</br>
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं!Upload to Facebook
    क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में;
    जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं!
    ~ Jaun Elia
  • जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई;</br>
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई!Upload to Facebook
    जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई;
    दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई!
    ~ Shakeel Badayuni
  • लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैं;</br>
अपनी आँखों को झुकाए रखना;Upload to Facebook
    लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैं;
    अपनी आँखों को झुकाए रखना;
  • दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ;</br>
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए!</br></br>
*लरज़ता: Waver, Shake, Quiver  Upload to Facebook
    दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ;
    कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए!

    *लरज़ता: Waver, Shake, Quiver
    ~ Iftikhar Arif
  • समेट ले गए सब रहमतें कहाँ मेहमान;</br>
मकान काटता फिरता है मेज़बानों को!Upload to Facebook
    समेट ले गए सब रहमतें कहाँ मेहमान;
    मकान काटता फिरता है मेज़बानों को!
    ~ Asif Saqib
  • घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया;</br>
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!Upload to Facebook
    घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया;
    घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!
    ~ Rahat Indori