अन्य Hindi Shayari

  • ये है कि झुकाता है मुख़ालिफ़ की भी गर्दन;<br />
सुन लो कि कोई शय नहीं एहसान से बेहतर!<br /><br />
*मुख़ालिफ़: विरोधी<br />
*शय: चीज़Upload to Facebook
    ये है कि झुकाता है मुख़ालिफ़ की भी गर्दन;
    सुन लो कि कोई शय नहीं एहसान से बेहतर!

    *मुख़ालिफ़: विरोधी
    *शय: चीज़
    ~ Akbar Allahabadi
  • हम फ़क़ीरों का पैरहन है धूप;<br />
और ये रात अपनी चादर है!<br /><br />
*पैरहन: पहनने के कपड़ेUpload to Facebook
    हम फ़क़ीरों का पैरहन है धूप;
    और ये रात अपनी चादर है!

    *पैरहन: पहनने के कपड़े
    ~ Abid Wadood
  • मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा,<br />
ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है;<br />
बुत भी रखे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं,<br />
दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है!<br /><br />
*बुत: मूर्तियों<br />
*अदा: चुकानाUpload to Facebook
    मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा,
    ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है;
    बुत भी रखे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं,
    दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है!

    *बुत: मूर्तियों
    *अदा: चुकाना
    ~ Bashir Badr
  • हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चिराग;<br />
आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो!<br /><br />
*अहवाल: परिस्थितिUpload to Facebook
    हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चिराग;
    आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो!

    *अहवाल: परिस्थिति
    ~ Irfan Siddiqi
  • शुक्रिया ऐ क़ब्र तक पहुँचाने वालो शुक्रिया;<br />
अब अकेले ही चले जाएँगे इस मंज़िल से हम!Upload to Facebook
    शुक्रिया ऐ क़ब्र तक पहुँचाने वालो शुक्रिया;
    अब अकेले ही चले जाएँगे इस मंज़िल से हम!
    ~ Qamar Jalalvi
  • इन्हीं सिफ़ात से होता है आदमी मशहूर,</br>
जो लुत्फ़ आम वो करते ये नाम किस का था;</br>
हर एक से कहते हैं क्या 'दाग़' बेवफ़ा निकला,</br>
ये पूछे उन से कोई वो ग़ुलाम किस का था!</br></br>
*सिफ़ात: खूबी</br>
*लुत्फ़: कृपाUpload to Facebook
    इन्हीं सिफ़ात से होता है आदमी मशहूर,
    जो लुत्फ़ आम वो करते ये नाम किस का था;
    हर एक से कहते हैं क्या 'दाग़' बेवफ़ा निकला,
    ये पूछे उन से कोई वो ग़ुलाम किस का था!

    *सिफ़ात: खूबी
    *लुत्फ़: कृपा
    ~ Dagh Dehlvi
  • बहाना मिल न जाए बिजलियों को टूट पड़ने का;</br>
कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते!</br></br>
*आशियाँ: घरUpload to Facebook
    बहाना मिल न जाए बिजलियों को टूट पड़ने का;
    कलेजा काँपता है आशियाँ को आशियाँ कहते!

    *आशियाँ: घर
    ~ Asar Lakhnavi
  • गिरते हैं समुंदर में बड़े शौक़ से दरिया;</br>
लेकिन किसी दरिया में समुंदर नहीं गिरता!Upload to Facebook
    गिरते हैं समुंदर में बड़े शौक़ से दरिया;
    लेकिन किसी दरिया में समुंदर नहीं गिरता!
    ~ Qateel Shifai
  • ये जो सिर नीचे किए बैठे हैं;</br>
जान कितनों की लिए बैठे हैं!Upload to Facebook
    ये जो सिर नीचे किए बैठे हैं;
    जान कितनों की लिए बैठे हैं!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • इत्तेफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह;</br>
ख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह!Upload to Facebook
    इत्तेफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह;
    ख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह!
    ~ Anwar Shuoor