अरमान Hindi Shayari

  • तेरा दीदार हो हसरत बहुत है;</br>
चलो कि नींद भी आने लगी है!Upload to Facebook
    तेरा दीदार हो हसरत बहुत है;
    चलो कि नींद भी आने लगी है!
    ~ Sajid Premi
  • मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी;</br>
कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए!Upload to Facebook
    मैंने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी;
    कोई आहट न हो दर पर मेरे जब तू आए!
    ~ Bashir Badr
  • ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा,</br>
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा;</br>
जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है,</br>
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा!Upload to Facebook
    ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा,
    इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा;
    जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है,
    बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा!
    ~ Sahir Ludhianvi
  • हसरतों का हो गया है इस क़दर दिल में हुजूम;</br>
साँस रस्ता ढूँढती है आने जाने के लिए!Upload to Facebook
    हसरतों का हो गया है इस क़दर दिल में हुजूम;
    साँस रस्ता ढूँढती है आने जाने के लिए!
  • मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी;</br>
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी!Upload to Facebook
    मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी;
    किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी!
    ~ Bashir Badr
  • गर्मी बहुत है आज खुला रख मकान को;</br>
उस की गली से रात को पुर्वाई आएगी!</br></br>
*पुर्वाई: पूर्व की वायुUpload to Facebook
    गर्मी बहुत है आज खुला रख मकान को;
    उस की गली से रात को पुर्वाई आएगी!

    *पुर्वाई: पूर्व की वायु
    ~ Khaleel Rampuri
  • दीदार की तलब के तरीक़ों से बे-ख़बर;<br/>
दीदार की तलब है तो पहले निगाह माँग!Upload to Facebook
    दीदार की तलब के तरीक़ों से बे-ख़बर;
    दीदार की तलब है तो पहले निगाह माँग!
    ~ Azad Ansari
  • हमारी ही तमन्ना क्यों करो तुम;<br/>
तुम्हारी ही तमन्ना क्यों करें हम!Upload to Facebook
    हमारी ही तमन्ना क्यों करो तुम;
    तुम्हारी ही तमन्ना क्यों करें हम!
    ~ Jaun Elia
  • मेरा जी तो आँखों में आया ये सुनते;</br>
कि दीदार भी एक दिन आम होगा!</br></br>
*जी: दिलUpload to Facebook
    मेरा जी तो आँखों में आया ये सुनते;
    कि दीदार भी एक दिन आम होगा!

    *जी: दिल
    ~ Mir Taqi Mir
  • कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए;</br>
तुम्हारे नाम की एक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए!Upload to Facebook
    कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए;
    तुम्हारे नाम की एक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए!
    ~ Bashir Badr