Hindi Shayari

  • हसीन तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा;<br/>
जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे!Upload to Facebook
    हसीन तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा;
    जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे!
    ~ Bashir Badr
  • तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत;<br/>
हम जहान में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं!Upload to Facebook
    तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत;
    हम जहान में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं!
    ~ Imam Bakhsh Nasikh
  • तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो;<br/>
मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो!<br/><br/>
*हिज्र- जुदाई, वियोग, विछोह, विरहUpload to Facebook
    तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो;
    मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो!

    *हिज्र- जुदाई, वियोग, विछोह, विरह
    ~ Jaun Elia
  • इन चिराग़ों में तेल ही कम था;<br/>
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे!Upload to Facebook
    इन चिराग़ों में तेल ही कम था;
    क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे!
    ~ Javed Akhtar
  • ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौंक है मगर;<br/>
मुमकिन नहीं हवाओं से रिश्ता किए बग़ैर!Upload to Facebook
    ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौंक है मगर;
    मुमकिन नहीं हवाओं से रिश्ता किए बग़ैर!
    ~ Bismil Saeedi
  • आधी से ज़्यादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ;<br/>
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है!Upload to Facebook
    आधी से ज़्यादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ;
    अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है!
    ~ Saqib Lakhnavi
  • हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उठें;<br/>
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं!<br/><br/>

*बर्क: बिजलीUpload to Facebook
    हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उठें;
    वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं!

    *बर्क: बिजली
    ~ Sahir Ludhianvi
  • जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं;<br/>
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं!Upload to Facebook
    जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं;
    वही दुनिया बदलते जा रहे हैं!
    ~ Jigar Moradabadi
  • हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँ;<br/>
शीशे के महल बना रहा हूँ!Upload to Facebook
    हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँ;
    शीशे के महल बना रहा हूँ!
    ~ Qateel Shifai
  • ज़िंदगी एक हादसा है और कैसा हादसा;<br/>
मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं!Upload to Facebook
    ज़िंदगी एक हादसा है और कैसा हादसा;
    मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं!
    ~ Jigar Moradabadi