Hindi Shayari

  • हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद;<br/>
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है!Upload to Facebook
    हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद;
    जो नहीं जानते वफ़ा क्या है!
    ~ Mirza Ghalib
  • वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर;<br/>
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए!Upload to Facebook
    वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर;
    दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए!
    ~ Ameer Minai
  • आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो;<br/>
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है!Upload to Facebook
    आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो;
    नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है!
    ~ Jaan Nisar Akhtar
  • जाने कितने बे-क़ुसूरों को सज़ाएँ मिल रहीं;<br/>
झूठ लगता है तुम्हें तो जेल जा कर देखिए!Upload to Facebook
    जाने कितने बे-क़ुसूरों को सज़ाएँ मिल रहीं;
    झूठ लगता है तुम्हें तो जेल जा कर देखिए!
    ~ Noor N Sahir
  • आज एक और बरस बीत गया उस के बग़ैर;<br/>
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे!Upload to Facebook
    आज एक और बरस बीत गया उस के बग़ैर;
    जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे!
    ~ Ahmad Faraz
  • रात भी नींद भी कहानी भी;<br/>
हाए क्या चीज़ है जवानी भी!Upload to Facebook
    रात भी नींद भी कहानी भी;
    हाए क्या चीज़ है जवानी भी!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • या वो थे ख़फ़ा हम से, या हम हैं ख़फ़ा उन से;<br/>
कल उन का ज़माना था, आज अपना ज़माना है!Upload to Facebook
    या वो थे ख़फ़ा हम से, या हम हैं ख़फ़ा उन से;
    कल उन का ज़माना था, आज अपना ज़माना है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • उस ने मंज़िल पे ला के छोड़ दिया;<br/>
उम्र भर जिस का रास्ता देखा!Upload to Facebook
    उस ने मंज़िल पे ला के छोड़ दिया;
    उम्र भर जिस का रास्ता देखा!
    ~ Nasir Kazmi
  • ज़हर मीठा हो तो पीने में मज़ा आता है;<br/>
बात सच कहिए मगर यूँ कि हक़ीक़त न लगे!Upload to Facebook
    ज़हर मीठा हो तो पीने में मज़ा आता है;
    बात सच कहिए मगर यूँ कि हक़ीक़त न लगे!
    ~ Fuzail Jafri
  • शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं;<br/>
इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं!Upload to Facebook
    शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं;
    इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं!
    ~ Wasim Barelvi