दर्द Hindi Shayari

  • हम ने काँटों को भी नरमी से छुआ है अक्सर;</br>
लोग बेदर्द हैं फूलों को मसल देते हैं!Upload to Facebook
    हम ने काँटों को भी नरमी से छुआ है अक्सर;
    लोग बेदर्द हैं फूलों को मसल देते हैं!
    ~ Bismil Saeedi
  • मैंने देखा है बहारों में चमन को जलते;</br>
है कोई ख़्वाब की ताबीर बताने वाला!Upload to Facebook
    मैंने देखा है बहारों में चमन को जलते;
    है कोई ख़्वाब की ताबीर बताने वाला!
    ~ Ahmad Faraz
  • दिल में एक दर्द उठा आँखों में आँसू भर आए;</br>
बैठे बैठे हमें क्या जानिए क्या याद आया!Upload to Facebook
    दिल में एक दर्द उठा आँखों में आँसू भर आए;
    बैठे बैठे हमें क्या जानिए क्या याद आया!
    ~ Wazir Ali Saba Lakhnavi
  • दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से;</br>
इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से!Upload to Facebook
    दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से;
    इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से!
  • मेरी मजबूरियाँ क्या पूछते हो;</br>
कि जीने के लिए मजबूर हूँ मैं!Upload to Facebook
    मेरी मजबूरियाँ क्या पूछते हो;
    कि जीने के लिए मजबूर हूँ मैं!
    ~ Hafeez Jalandhari
  • दर्द-ए-दिल कितना पसंद आया उसे;</br>
मैंने जब की आह उस ने वाह की!Upload to Facebook
    दर्द-ए-दिल कितना पसंद आया उसे;
    मैंने जब की आह उस ने वाह की!
    ~ Aasi Ghazipuri
  • हमारी मुस्कुराहट पर न जाना;<br/>
दिया तो क़ब्र पर भी जल रहा है!Upload to Facebook
    हमारी मुस्कुराहट पर न जाना;
    दिया तो क़ब्र पर भी जल रहा है!
    ~ Aanis Moin
  • सब कुछ तो है क्या ढूँडती रहती हैं निगाहें;</br>
क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यों नहीं जाता!Upload to Facebook
    सब कुछ तो है क्या ढूँडती रहती हैं निगाहें;
    क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यों नहीं जाता!
    ~ Nida Fazli
  • ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा;</br>
जा चुकी है बहार चुप हो जा!Upload to Facebook
    ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा;
    जा चुकी है बहार चुप हो जा!
    ~ Saghar Siddiqui
  • ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये दोपहर की ज़र्दियाँ;</br>
अब आईने में देखता हूँ मैं कहाँ चला गया!Upload to Facebook
    ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये दोपहर की ज़र्दियाँ;
    अब आईने में देखता हूँ मैं कहाँ चला गया!
    ~ Nasir Kazmi