दर्द Hindi Shayari

  • आई होगी किसी को हिज्र में मौत;</br>
मुझ को तो नींद भी नहीं आती!Upload to Facebook
    आई होगी किसी को हिज्र में मौत;
    मुझ को तो नींद भी नहीं आती!
    ~ Akbar Allahabadi
  • रोते जो आए थे रुला के गए;</br>
इब्तिदा इंतेहा को रोते हैं!Upload to Facebook
    रोते जो आए थे रुला के गए;
    इब्तिदा इंतेहा को रोते हैं!
    ~ Riyaz Khairabadi
  • जाती है धूप उजले परों को समेट के;</br>
ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के!Upload to Facebook
    जाती है धूप उजले परों को समेट के;
    ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के!
    ~ Shakeb Jalali
  • बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम से;</br>
बहुत अज़ीज़ सही ऐतबार कुछ भी नहीं!Upload to Facebook
    बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम से;
    बहुत अज़ीज़ सही ऐतबार कुछ भी नहीं!
    ~ Akhtar Saeed Khan
  • हाल तुम सुन लो मेरा देख लो सूरत मेरी;</br>
दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई!Upload to Facebook
    हाल तुम सुन लो मेरा देख लो सूरत मेरी;
    दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया;</br>
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया!Upload to Facebook
    तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया;
    ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया!
    ~ Abdul Hameed Adam
  • इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के;</br>
आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के!Upload to Facebook
    इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के;
    आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के!
    ~ Sahir Ludhianvi
  • वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था;</br>
पानी पानी कहते कहते डूब गया है!Upload to Facebook
    वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था;
    पानी पानी कहते कहते डूब गया है!
    ~ Aanis Moin
  • रोज़ दीवार में चुन देता हूँ मैं अपनी अना;</br>
रोज़ वो तोड़ के दीवार निकल आती है!</br></br>
*अना: मैं, अहमUpload to Facebook
    रोज़ दीवार में चुन देता हूँ मैं अपनी अना;
    रोज़ वो तोड़ के दीवार निकल आती है!

    *अना: मैं, अहम
    ~ Khurshid Talab
  • मरते हैं आरज़ू में मरने की;</br>
मौत आती है पर नहीं आती!Upload to Facebook
    मरते हैं आरज़ू में मरने की;
    मौत आती है पर नहीं आती!
    ~ Mirza Ghalib