ज़रा देखे कोई दैर-ओ-हरम को; मेरा वो यार हरजाई कहाँ है! |
तेरे इश्क़ की इंतेहा चाहता हूँ; मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ! |
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा; मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है! |
करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम; मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता! |
उन की महफ़िल में 'ज़फ़र' लोग मुझे चाहते हैं; वो जो कल कहते थे दीवाना भी सौदाई भी! |
आँखों से मोहब्बत के इशारे निकल आए; बरसात के मौसम में सितारे निकल आए! |
अनहोनी कुछ ज़रूर हुई दिल के साथ आज; नादान था मगर ये दीवाना कभी न था! |
मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन; मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए'तिबार न कर! |
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़; मुझ को आदत है मुस्कुराने की! |
दिल से अगर कभी तेरा अरमान जाएगा; घर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा! |