इश्क Hindi Shayari

  • दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजिये रिश्ता;<br />
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए!Upload to Facebook
    दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजिये रिश्ता;
    दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए!
    ~ Nida Fazli
  • जस्ता जस्ता पढ़ लिया करना मज़ामीन-ए-वफ़ा,<br />
पर किताब-ए-इश्क़ का हर बाब मत देखा करो;<br />
इस तमाशे में उलट जाती हैं अक्सर कश्तियाँ,<br />
डूबने वालों को ज़ेर-ए-आब मत देखा करो;<br /><br />
*जस्ता: उछला हुआ<br />
*बाब: द्वार<br />
*ज़ेर-ए-आब: पानी के नीचे<br />
*मज़ामीन-ए-वफ़ा: निरंतरता के विषयUpload to Facebook
    जस्ता जस्ता पढ़ लिया करना मज़ामीन-ए-वफ़ा,
    पर किताब-ए-इश्क़ का हर बाब मत देखा करो;
    इस तमाशे में उलट जाती हैं अक्सर कश्तियाँ,
    डूबने वालों को ज़ेर-ए-आब मत देखा करो;

    *जस्ता: उछला हुआ
    *बाब: द्वार
    *ज़ेर-ए-आब: पानी के नीचे
    *मज़ामीन-ए-वफ़ा: निरंतरता के विषय
    ~ Ahmad Faraz
  • सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है,<br />
बा-वज़ू हो के भी छूते हुए डर लगता है;<br />
मैं तेरे साथ सितारों से गुज़र सकता हूँ,<br />
कितना आसान मोहब्बत का सफ़र लगता है!<br /><br />
*बा-वज़ू: शुद्ध और स्वच्छUpload to Facebook
    सर से पा तक वो गुलाबों का शजर लगता है,
    बा-वज़ू हो के भी छूते हुए डर लगता है;
    मैं तेरे साथ सितारों से गुज़र सकता हूँ,
    कितना आसान मोहब्बत का सफ़र लगता है!

    *बा-वज़ू: शुद्ध और स्वच्छ
    ~ Bashir Badr
  • एक हक़ीक़त हूँ अगर इज़हार हो जाऊँगा मैं;<br />
जाने किस किस जुर्म का इक़रार हो जाऊँगा मैं!Upload to Facebook
    एक हक़ीक़त हूँ अगर इज़हार हो जाऊँगा मैं;
    जाने किस किस जुर्म का इक़रार हो जाऊँगा मैं!
    ~ Abdullah Kamal
  • हम भी वहीं मौजूद थे हम से भी सब पूछा किए,<br />
हम हँस दिए हम चुप रहे मंज़ूर था पर्दा तेरा;<br />
इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटीं महफ़िलें,<br />
हर शख़्स तेरा नाम ले हर शख़्स दीवाना तेरा!Upload to Facebook
    हम भी वहीं मौजूद थे हम से भी सब पूछा किए,
    हम हँस दिए हम चुप रहे मंज़ूर था पर्दा तेरा;
    इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटीं महफ़िलें,
    हर शख़्स तेरा नाम ले हर शख़्स दीवाना तेरा!
    ~ Ibn e Insha
  • अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं,</br>
'फ़राज़' अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं;</br>
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र,</br>
कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं!Upload to Facebook
    अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं,
    'फ़राज़' अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं;
    जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र,
    कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं!
    ~ Ahmad Faraz
  • जो कहा मैंने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर;</br>
हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है !Upload to Facebook
    जो कहा मैंने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर;
    हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है !
    ~ Akbar Allahabadi
  • बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर;</br>
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!Upload to Facebook
    बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर;
    पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!
    ~ Author Unknown
  • समझा लिया फ़रेब से मुझ को तो आप ने;</br>
दिल से तो पूछ लीजिए क्यों बे-क़रार है!Upload to Facebook
    समझा लिया फ़रेब से मुझ को तो आप ने;
    दिल से तो पूछ लीजिए क्यों बे-क़रार है!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • वो पल कि जिस में मोहब्बत जवान होती है,</br>
उस एक पल का तुझे इंतज़ार है कि नहीं;</br>
तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को,</br>
तुझे भी अपने पे ये ऐतबार है कि नहीं!Upload to Facebook
    वो पल कि जिस में मोहब्बत जवान होती है,
    उस एक पल का तुझे इंतज़ार है कि नहीं;
    तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को,
    तुझे भी अपने पे ये ऐतबार है कि नहीं!
    ~ Kaifi Azmi