Hindi Shayari

  • सब्र ऐ दिल कि ये हालत नहीं देखी जाती;</br>
ठहर ऐ दर्द कि अब ज़ब्त का यारा न रहा!</br></br>
*ज़ब्त: सहनUpload to Facebook
    सब्र ऐ दिल कि ये हालत नहीं देखी जाती;
    ठहर ऐ दर्द कि अब ज़ब्त का यारा न रहा!

    *ज़ब्त: सहन
    ~ Ashar Dehlavi
  • सफ़र पीछे की जानिब है क़दम आगे है मेरा;</br>
मैं बूढ़ा होता जाता हूँ जवाँ होने की ख़ातिर!Upload to Facebook
    सफ़र पीछे की जानिब है क़दम आगे है मेरा;
    मैं बूढ़ा होता जाता हूँ जवाँ होने की ख़ातिर!
    ~ Zafar Iqbal
  • झूठ पर उस के भरोसा कर लिया;</br>
धूप इतनी थी कि साया कर लिया!Upload to Facebook
    झूठ पर उस के भरोसा कर लिया;
    धूप इतनी थी कि साया कर लिया!
    ~ Shariq Kaifi
  • एक दो ज़ख़्म नहीं जिस्म है सारा छलनी;</br>
दर्द बे-चारा परेशान है कहाँ से निकले!Upload to Facebook
    एक दो ज़ख़्म नहीं जिस्म है सारा छलनी;
    दर्द बे-चारा परेशान है कहाँ से निकले!
    ~ Syed Hamid
  • मेरा जी तो आँखों में आया ये सुनते;</br>
कि दीदार भी एक दिन आम होगा!</br></br>
*जी: दिलUpload to Facebook
    मेरा जी तो आँखों में आया ये सुनते;
    कि दीदार भी एक दिन आम होगा!

    *जी: दिल
    ~ Mir Taqi Mir
  • जितनी बँटनी थी बँट चुकी ये ज़मीन;</br>
अब तो बस आसमान बाक़ी है!Upload to Facebook
    जितनी बँटनी थी बँट चुकी ये ज़मीन;
    अब तो बस आसमान बाक़ी है!
    ~ Rajesh Reddy
  • मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी;</br>
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं!</br></br>
*सहरा: रेगिस्तानUpload to Facebook
    मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी;
    तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं!

    *सहरा: रेगिस्तान
    ~ Sultan Akhtar
  • तुम्हारी याद में दुनिया को हूँ भुलाए हुए;</br>
तुम्हारे दर्द को सीने से हूँ लगाए हुए!Upload to Facebook
    तुम्हारी याद में दुनिया को हूँ भुलाए हुए;
    तुम्हारे दर्द को सीने से हूँ लगाए हुए!
    ~ Asar Sahbai
  • फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया;</br>
फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतज़ार का!</br></br>
*वादा-ए-वस्ल: मिलने का वादाUpload to Facebook
    फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया;
    फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतज़ार का!

    *वादा-ए-वस्ल: मिलने का वादा
    ~ Amir Meenai
  • अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उम्मीदें;</br>
ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ!</br></br>
*शमएँ: मोमबत्तीUpload to Facebook
    अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उम्मीदें;
    ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ!

    *शमएँ: मोमबत्ती
    ~ Ahmad Faraz