Hindi Shayari

  • इश्क़ को एक उम्र चाहिए और;</br>
उम्र का कोई ऐतबार नहीं!Upload to Facebook
    इश्क़ को एक उम्र चाहिए और;
    उम्र का कोई ऐतबार नहीं!
    ~ Jigar Barelvi
  • ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो;</br>
नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें!Upload to Facebook
    ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो;
    नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें!
    ~ Ahmad Faraz
  • घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया;</br>
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!Upload to Facebook
    घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया;
    घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!
    ~ Rahat Indori
  • जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें;</br>
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही!Upload to Facebook
    जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें;
    ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही!
    ~ Amjad Islam Amjad
  • अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ;</br>
शाम आ गयी है लौट के घर जाएँ हम तो क्या!</br></br>
* मुंतज़िर: Expectant, One who waitsUpload to Facebook
    अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ;
    शाम आ गयी है लौट के घर जाएँ हम तो क्या!

    * मुंतज़िर: Expectant, One who waits
    ~ Munir Niazi
  • मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र';</br>
साफ़ पहचान लिया जाता हूँ रोया हुआ मैं!Upload to Facebook
    मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र';
    साफ़ पहचान लिया जाता हूँ रोया हुआ मैं!
    ~ Zafar Iqbal
  • दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से;</br>
कमरा वीरान हो जाता है एक तस्वीर हटा देने से!Upload to Facebook
    दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से;
    कमरा वीरान हो जाता है एक तस्वीर हटा देने से!
    ~ Jaleel Aali
  • किसी को क्या ख़बर ऐ सुब्ह वक़्त-ए-शाम क्या होगा;</br>
ख़ुदा जाने तेरे आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा!Upload to Facebook
    किसी को क्या ख़बर ऐ सुब्ह वक़्त-ए-शाम क्या होगा;
    ख़ुदा जाने तेरे आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा!
    ~ Shad Azimabadi
  • हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब;</br>
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे!Upload to Facebook
    हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब;
    फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे!
    ~ Iftikhar Aazmi
  • दिल है क़दमों पर किसी के सिर झुका हो या न हो;</br>
बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो!Upload to Facebook
    दिल है क़दमों पर किसी के सिर झुका हो या न हो;
    बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो!
    ~ Jigar Moradabadi