Hindi Shayari

  • मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन;<br/>
मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए'तिबार न कर!Upload to Facebook
    मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन;
    मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए'तिबार न कर!
    ~ Umar Ansari
  • मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,<br/>
कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते!Upload to Facebook
    मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना,
    कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते!
    ~ Wahshat Raza Ali Kalkatvi
  • ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही;<br/>
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही!Upload to Facebook
    ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही;
    जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही!
    ~ Khumar Barabankvi
  • तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता;<br/>
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता!Upload to Facebook
    तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता;
    वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता!
    ~ Daagh Dehlvi
  • सदा ऐश दौराँ दिखाता नहीं;<br/>
गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं!Upload to Facebook
    सदा ऐश दौराँ दिखाता नहीं;
    गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं!
    ~ Meer Hasan
  • ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़;<br/>
मुझ को आदत है मुस्कुराने की!Upload to Facebook
    ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़;
    मुझ को आदत है मुस्कुराने की!
    ~ Abdul Hamid Adam
  • आप के लब पे और वफ़ा की क़सम;<br/>
क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम!Upload to Facebook
    आप के लब पे और वफ़ा की क़सम;
    क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम!
    ~ Saba Akbarabadi
  • दिल से अगर कभी तेरा अरमान जाएगा;<br/>
घर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा!Upload to Facebook
    दिल से अगर कभी तेरा अरमान जाएगा;
    घर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा!
    ~ Fana Nizami Kanpuri
  • मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;<br/>
तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!<br/><br/>

*ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवीUpload to Facebook
    मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;
    तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!

    *ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवी
    ~ Obaidullah Aleem
  • जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;<br/>
बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!Upload to Facebook
    जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;
    बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!
    ~ Obaidullah Aleem