दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते; याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते! |
वही फिर मुझे याद आने लगे हैं; जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं! |
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है; आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है!s |
अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर; इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते! |
कोई पाबंद-ए-मोहब्बत ही बता सकता है; एक दीवाने का ज़ंजीर से रिश्ता क्या है! |
छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था; पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्हीं से सीखा! |
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है; ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!x |
गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है; राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं! |
लो फिर तेरे लबों पे उसी बेवफ़ा का ज़िक्र; अहमद 'फ़राज़' तुझ से कहा न बहुत हुआ! |
है मेरे पहलू में और मुझ को नज़र आता नहीं; उस परी का सेहर यारो कुछ कहा जाता नहीं! * सेहर - सम्मोहन, जादू |