Hindi Shayari

  • आँखों में नमी सी है चुप चुप से वो बैठे हैं;<br/>
नाज़ुक सी निगाहों में नाज़ुक सा फ़साना है!Upload to Facebook
    आँखों में नमी सी है चुप चुप से वो बैठे हैं;
    नाज़ुक सी निगाहों में नाज़ुक सा फ़साना है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी;<br/>
जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी!Upload to Facebook
    बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी;
    जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी!
    ~ Bahadur Shah Zafar
  • वो नहीं मेरा मगर उस से मोहब्बत है तो है;<br/>
ये अगर रस्मों रिवाजों से बग़ावत है तो है!Upload to Facebook
    वो नहीं मेरा मगर उस से मोहब्बत है तो है;
    ये अगर रस्मों रिवाजों से बग़ावत है तो है!
    ~ Deepti Mishra
  • ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँ;<br/>
ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल सँभाल के!Upload to Facebook
    ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँ;
    ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल सँभाल के!
    ~ Krishn Bihari Noor
  • ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर;<br/>
कि हम ने ख़ुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से!Upload to Facebook
    ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर;
    कि हम ने ख़ुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से!
    ~ Azhar Iqbal
  • ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल;<br/>
तू कभी ख़द्द-ओ-ख़ाल में मुझे मिल!Upload to Facebook
    ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल;
    तू कभी ख़द्द-ओ-ख़ाल में मुझे मिल!
    ~ Rafi Raza
  • सोचता हूँ मैं कि कुछ इस तरह रोना चाहिए;<br/>
अपने अश्कों से तेरा दामन भिगोना चाहिए!Upload to Facebook
    सोचता हूँ मैं कि कुछ इस तरह रोना चाहिए;
    अपने अश्कों से तेरा दामन भिगोना चाहिए!
    ~ Sabihuddin Shaibi
  • हुए ज़लील तो इज़्ज़त की जुस्तुजू क्या है;<br/>
किया जो इश्क़ तो फिर पास-ए-आबरू क्या है!Upload to Facebook
    हुए ज़लील तो इज़्ज़त की जुस्तुजू क्या है;
    किया जो इश्क़ तो फिर पास-ए-आबरू क्या है!
    ~ Tahseen Dehlvi
  • आज तक बहका नहीं बाहर से दीवाना तेरा;<br/>
हौंसले मेरी निगाहों के हैं पैमाना तेरा!Upload to Facebook
    आज तक बहका नहीं बाहर से दीवाना तेरा;
    हौंसले मेरी निगाहों के हैं पैमाना तेरा!
    ~ Lutf-ur-rahman
  • सिले हों लब ज़बानें बंद तो बातें नहीं होतीं;<br/>
मुख़ालिफ़ रास्ते हों तो मुलाक़ातें नहीं होतीं!Upload to Facebook
    सिले हों लब ज़बानें बंद तो बातें नहीं होतीं;
    मुख़ालिफ़ रास्ते हों तो मुलाक़ातें नहीं होतीं!
    ~ Nafeer Sarmadi