अन्य Hindi Shayari

  • 'मीर' अमदन भी कोई मरता है;</br>
जान है तो जहान है प्यारे।Upload to Facebook
    'मीर' अमदन भी कोई मरता है;
    जान है तो जहान है प्यारे।
    ~ Mir Taqi Mir
  • आईनों को ज़ंग लगा;</br>
अब मैं कैसा लगता हूँ!Upload to Facebook
    आईनों को ज़ंग लगा;
    अब मैं कैसा लगता हूँ!
    ~ Jaun Elia
  • साहिल के सुकून से किसे इनकार है लेकिन;</br>
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है!</br>
*साहिल: किनाराUpload to Facebook
    साहिल के सुकून से किसे इनकार है लेकिन;
    तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है!
    *साहिल: किनारा
    ~ Aale Ahmad Suroor
  • आसमाँ एक सुलगता हुआ सहरा है जहाँ;</br>
ढूँढता फिरता है ख़ुद अपना ही साया सूरज!</br>
*सहरा: रेगिस्तानUpload to Facebook
    आसमाँ एक सुलगता हुआ सहरा है जहाँ;
    ढूँढता फिरता है ख़ुद अपना ही साया सूरज!
    *सहरा: रेगिस्तान
    ~ Azad Gulati
  • क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है;</br>
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!</br>
*ख़ाक-नशीनों: तपस्वीUpload to Facebook
    क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है;
    हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!
    *ख़ाक-नशीनों: तपस्वी
    ~ Jigar Moradabadi
  • रात को रोज़ डूब जाता है;</br>
चाँद को तैरना सिखाना है!Upload to Facebook
    रात को रोज़ डूब जाता है;
    चाँद को तैरना सिखाना है!
    ~ Bedil Haidri
  • हयात ले के चलो क़ायनात ले के चलो;</br>
चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो!Upload to Facebook
    हयात ले के चलो क़ायनात ले के चलो;
    चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो!
    ~ Makhdoom Mohiuddin
  • दिल सा वहशी कभी क़ाबू में न आया यारो;</br>
हार कर बैठ गए जाल बिछाने वाले!Upload to Facebook
    दिल सा वहशी कभी क़ाबू में न आया यारो;
    हार कर बैठ गए जाल बिछाने वाले!
    ~ Shehzad Ahmed
  • हम तो बचपन में भी अकेले थे;</br>
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे!Upload to Facebook
    हम तो बचपन में भी अकेले थे;
    सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे!
    ~ Javed Akhtar
  • शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को;</br>
मैं देखता रहा दरिया तेरी रवानी को!Upload to Facebook
    शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को;
    मैं देखता रहा दरिया तेरी रवानी को!
    ~ Shahryar