Hindi Shayari

  • कभी तो सुब्ह तेरे कुंज-ए-लब से हो आग़ाज़,</br>
कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-बार चले;</br>
बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सही,</br>
तुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले!</br></br>
*कुंज-ए-लब: मुंह, मुंह का कोना</br>
*सर-ए-काकुल: बालUpload to Facebook
    कभी तो सुब्ह तेरे कुंज-ए-लब से हो आग़ाज़,
    कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-बार चले;
    बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सही,
    तुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले!

    *कुंज-ए-लब: मुंह, मुंह का कोना
    *सर-ए-काकुल: बाल
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • न कर 'सौदा' तू शिकवा हम से दिल की बे-क़रारी का;</br>
मोहब्बत किस को देती है मियाँ आराम दुनिया में!Upload to Facebook
    न कर 'सौदा' तू शिकवा हम से दिल की बे-क़रारी का;
    मोहब्बत किस को देती है मियाँ आराम दुनिया में!
    ~ Sauda Mohammad Rafi
  • कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर;</br>
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया!Upload to Facebook
    कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर;
    और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया!
    ~ Kaif Bhopali
  • हमारे ख़त के तो पुर्ज़े किए पढ़ा भी नहीं,</br>
सुना जो तूने ब-दिल वो पयाम किस का था;</br>
उठाई क्यों न क़यामत अदू के कूचे में,</br>
लिहाज़ आप को वक़्त-ए-ख़िराम किस का था!</br></br>
*पुर्ज़े: टुकड़े टुकड़े</br>
*ब-दिल: दिल से</br>
*पयाम: संदेश</br>
*अदू: शत्रु</br>
*कूचे: गलियाँUpload to Facebook
    हमारे ख़त के तो पुर्ज़े किए पढ़ा भी नहीं,
    सुना जो तूने ब-दिल वो पयाम किस का था;
    उठाई क्यों न क़यामत अदू के कूचे में,
    लिहाज़ आप को वक़्त-ए-ख़िराम किस का था!

    *पुर्ज़े: टुकड़े टुकड़े
    *ब-दिल: दिल से
    *पयाम: संदेश
    *अदू: शत्रु
    *कूचे: गलियाँ
    ~ Dagh Dehlvi
  • ये जो सिर नीचे किए बैठे हैं;</br>
जान कितनों की लिए बैठे हैं!Upload to Facebook
    ये जो सिर नीचे किए बैठे हैं;
    जान कितनों की लिए बैठे हैं!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • तेरा दीदार हो हसरत बहुत है;</br>
चलो कि नींद भी आने लगी है!Upload to Facebook
    तेरा दीदार हो हसरत बहुत है;
    चलो कि नींद भी आने लगी है!
    ~ Sajid Premi
  • जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है,</br>
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा;</br>
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं,</br>
तुम ने मेरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा!Upload to Facebook
    जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है,
    आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा;
    ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं,
    तुम ने मेरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा!
    ~ Bashir Badr
  • अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो;</br>
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो!Upload to Facebook
    अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो;
    और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो!
    ~ Nizam Rampuri
  • एक बोसे के भी नसीब न हों;</br>
होंठ इतने भी अब ग़रीब न हों!</br></br>
*बोसे: चुम्बनUpload to Facebook
    एक बोसे के भी नसीब न हों;
    होंठ इतने भी अब ग़रीब न हों!

    *बोसे: चुम्बन
    ~ Farhat Ehsas
  • जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है,</br>
संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रखा है;</br>
उस के दिल पर भी कड़ी इश्क़ में गुज़री होगी,</br>
नाम जिस ने भी मोहब्बत का सज़ा रखा है!Upload to Facebook
    जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है,
    संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रखा है;
    उस के दिल पर भी कड़ी इश्क़ में गुज़री होगी,
    नाम जिस ने भी मोहब्बत का सज़ा रखा है!
    ~ Hakeem Nasir