आया हूँ संग ओ ख़िश्त के... आया हूँ संग ओ ख़िश्त के अम्बार देख कर; ख़ौफ़ आ रहा है साया-ए-दीवार देख कर; आँखें खुली रही हैं मेरी इंतज़ार में; आए न ख़्वाब दीद-ए-बे-दार देख कर; ग़म की दुकान खोल के बैठा हुआ था मैं; आँसू निकल पड़े हैं ख़रीददार देख कर; क्या इल्म था फिसलने लगेंगे मेरे क़दम; मैं तो चला था राह को हम-वार देख कर; हर कोई पार-साई की उम्दा मिसाल था; दिल ख़ुश हुआ है एक गुनह-गार देख कर। |
मेरी ग़ज़ल की तरह... मेरी ग़ज़ल की तरह उसकी भी हुकूमत है; तमाम मुल्क में वो सबसे खूबसूरत है; कभी-कभी कोई इंसान ऐसा लगता है; पुराने शहर में जैसे नयी ईमारत है; बहुत दिनों से मेरे साथ थी मगर कल शाम; मुझे पता चला वो कितनी खूबसूरत है; ये ज़ाईरान-ए-अलीगढ़ का खास तोहफ़ा है; मेरी ग़ज़ल का तबर्रुक दिलों की बरकत है। |
उस शाम वो रुखसत का... उस शाम वो रुखसत का समां याद रहेगा; वो शहर, वो कूचा, वो मकां याद रहेगा; वो टीस कि उभरी थी इधर याद रहेगा; वो दर्द कि उभरी थी उधर याद रहेगा; हाँ बज़्में-शबां में हमशौक जो उस दिन; हम थे तेरी जानिब निगरा याद रहेगा; कुछ मीर के अबियत थे, कुछ फैज़ के मिसरे; एक दर्द का था जिनमे बयाँ, याद रहेगा; हम भूल सके हैं न तुझे भूल सकेंगे; तू याद रहेगा हमें, हाँ याद रहेगा। |
वफ़ाएँ कर के... वफ़ाएँ कर के जफ़ाओं का ग़म उठाए जा; इसी तरह से ज़माने को आज़माए जा; किसी में अपनी सिफ़त के सिवा कमाल नहीं; जिधर इशारा-ए-फ़ितरत हो सिर झुकाए जा; वो लौ रबाब से निकली धुआँ उठा दिल से; वफ़ा का राग इसी धुन में गुनगुनाए जा; नज़र के साथ मोहब्बत बदल नहीं सकती; नज़र बदल के मोहब्बत को आज़माए जा; ख़ुदी-ए-इश्क़ ने जिस दिन से खोल दीं आँखें; है आँसुओं का तक़ाज़ा कि मुस्कुराए जा; थी इब्तिदा में ये तादीब-ए-मुफ़लिसी मुझ को; ग़ुलाम रह के गुलामी पे मुस्कुराए जा। |
जब भी चूम लेता हूँ... जब भी चूम लेता हूँ उन हसीन आँखों को; सौ चिराग अँधेरे में जगमगाने लगते हैं; फूल क्या शगूफे क्या चाँद क्या सितारे क्या; सब रकीब कदमों पर सर झुकाने लगते हैं; रक्स करने लगतीं हैं मूरतें अजंता की; मुद्दतों के लब-बस्ता ग़ार गाने लगते हैं; फूल खिलने लगते हैं उजड़े-उजड़े गुलशन में; प्यासी-प्यासी धरती पर अब्र छाने लगते हैं; लम्हें भर को ये दुनिया ज़ुल्म छोड़ देती है; लम्हें भर को सब पत्थर मुस्कुराने लगते हैं। |
बेखुदी ले गयी कहाँ... बेखुदी ले गयी कहाँ हम को; देर से इंतज़ार है अपना; रोते फिरते हैं सारी-सारी रात; अब यही रोज़गार है अपना; दे के दिल हम जो हो गए मजबूर; इस में क्या इख्तियार है अपना; कुछ नही हम मिसाले-अनका लेक; शहर-शहर इश्तिहार है अपना; जिस को तुम आसमान कहते हो; सो दिलों का गुबार है अपना। |
जलाया आप हमने... जलाया आप हमने, जब्त कर-कर आहे-सोजां को; जिगर को, सीना को, पहलू को, दिल को, जिस्म को, जां को; हमेशा कुंजे-तन्हाई में मूनिस हम समझते है; अलम को, यास को, हसरत को, बेताबी को, हुरमां को; जगह किस-किस को दूं दिल में, तेरे हाथों से ऐ कातिल; कटारी को, छुरी को, बांक को, खंजर को, पैकां को; न हो जब तू ही ऐ साकी, भला फिर क्या करे कोई; हवा को, अब्र को, गुल को, चमन को, सहन-ए-बस्तां को; बनाया ऐ 'जफर' खालिक ने जब इंसान से बेहतर; मलक को, देव को, जिन को, परी को, हूरो-गिलमां को। |
यहाँ किसी को भी... यहाँ किसी को भी कुछ हस्ब-ए-आरज़ू न मिला; किसी को हम न मिले और हम को तू न मिला; ग़ज़ाल-ए-अश्क सर-ए-सुब्ह दूब-ए-मिज़गाँ पर; कब आँख अपनी खुली और लहू लहू न मिला; चमकते चाँद भी थे शहर-ए-शब के ऐवाँ में; निगार-ए-ग़म सा मगर कोई शम्मा-रू न मिला; उन्ही की रम्ज़ चली है गली गली में यहाँ; जिन्हें उधर से कभी इज़्न-ए-गुफ़्तुगू न मिला; फिर आज मय-कदा-ए-दिल से लौट आए हैं; फिर आज हम को ठिकाने का हम-सबू न मिला। |
उक़ाबी शान से झपटे थे जो... उक़ाबी शान से झपटे थे जो बे-बालो-पर निकले; सितारे शाम को ख़ून-ए-फ़लक़ में डूबकर निकले; हुए मदफ़ून-ए-दरिया ज़ेरे-दरिया तैरने वाले; तमाचे मौज के खाते थे जो बनकर गुहर निकले; गुब्बार-ए-रहगुज़र हैं कीमिया पर नाज़ था जिनको; जबीनें ख़ाक पर रखते थे जो अक्सीरगर निकले; हमारा नर्म-रौ क़ासिद पयामे-ज़िन्दगी लाया; ख़बर देतीं थीं जिनको बिजलियाँ वो बेख़बर निकले; जहाँ में अहले-ईमाँ सूरत-ए-ख़ुर्शीद जीते हैं; इधर डूबे उधर निकले, उधर डूबे इधर निकले। |
बुलंदी देर तक... बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है; बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी ख़तरे में रहती है; बहुत जी चाहता है क़ैद-ए-जाँ से हम निकल जाएँ; तुम्हारी याद भी लेकिन इसी मलबे में रहती है; यह ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता; मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है; मोहब्बत में परखने जाँचने से फ़ायदा क्या है; कमी थोड़ी-बहुत हर एक के शजरे में रहती है; ये अपने आप को तक़्सीम कर लेता है सूबों में; ख़राबी बस यही हर मुल्क के नक़्शे में रहती है। |