Hindi Shayari

  • ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक;</br>
मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे!</br></br>
*अदा-ए-बे-नियाज़ी: लापरवाही की हवाUpload to Facebook
    ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक;
    मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे!

    *अदा-ए-बे-नियाज़ी: लापरवाही की हवा
    ~ Shakeel Badayuni
  • ये किस ने कह दिया आख़िर कि छुप-छुपा के पियो,</br>
ये मय है मय उसे औरों को भी पिला के पियो;</br>
ग़म-ए-जहाँ को ग़म-ए-ज़ीस्त को भुला के पियो,</br>
हसीन गीत मोहब्बत के गुनगुना के पियो!</br></br>
*मय:  शराबUpload to Facebook
    ये किस ने कह दिया आख़िर कि छुप-छुपा के पियो,
    ये मय है मय उसे औरों को भी पिला के पियो;
    ग़म-ए-जहाँ को ग़म-ए-ज़ीस्त को भुला के पियो,
    हसीन गीत मोहब्बत के गुनगुना के पियो!

    *मय: शराब
    ~ Sant Darshan Singh
  • अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा;</br>
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है!Upload to Facebook
    अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा;
    मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है!
    ~ Munawwar Rana
  • हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन;</br>
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है!Upload to Facebook
    हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन;
    दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है!
    ~ Mirza Ghalib
  • कोई ख़ुशबू बदलती रही पैरहन,</br>
कोई तस्वीर गाती रही रात भर;</br>
फिर सबा साया-ए-शाख़-ए-गुल के तले,</br>
कोई किस्सा सुनाती रही रात भर!</br></br>
*पैरहन: वस्त्र</br>
*सबा: सुबह की हवाUpload to Facebook
    कोई ख़ुशबू बदलती रही पैरहन,
    कोई तस्वीर गाती रही रात भर;
    फिर सबा साया-ए-शाख़-ए-गुल के तले,
    कोई किस्सा सुनाती रही रात भर!

    *पैरहन: वस्त्र
    *सबा: सुबह की हवा
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • ख़ुदा के वास्ते गुल को न मेरे हाथ से लो;</br>
मुझे बू आती है इस में किसी बदन की सी!Upload to Facebook
    ख़ुदा के वास्ते गुल को न मेरे हाथ से लो;
    मुझे बू आती है इस में किसी बदन की सी!
    ~ Nazeer Akbarabadi
  • बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर;</br>
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!Upload to Facebook
    बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर;
    पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!
    ~ Author Unknown
  • एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो,</br>
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो;</br>
आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में,</br>
कूच का ऐलान होने को है तैयारी रखो!Upload to Facebook
    एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो,
    दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो;
    आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में,
    कूच का ऐलान होने को है तैयारी रखो!
    ~ Rahat Indori
  • ये कैसा नशा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ;</br>
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतज़ार में हूँ!Upload to Facebook
    ये कैसा नशा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ;
    तू आ के जा भी चुका है मैं इंतज़ार में हूँ!
    ~ Muneer Niyazi
  • हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार;</br>
एक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है!</br></br>
*हिज्र: जुदाई</br>
*वस्ल: मिलन</br>
*दरकार: आवश्यकताUpload to Facebook
    हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार;
    एक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है!

    *हिज्र: जुदाई
    *वस्ल: मिलन
    *दरकार: आवश्यकता
    ~ Abbas Tabish