Hindi Shayari

  • साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम';</br>
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई!Upload to Facebook
    साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम';
    तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई!
    ~ Anjum Saleemi
  • पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था;</br>
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा!Upload to Facebook
    पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था;
    जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा!
    ~ Kaifi Azmi
  • दफ़्न कर सकता हूँ सीने में तुम्हारे राज़ को;</br>
और तुम चाहो तो अफ़्साना बना सकता हूँ मैं!Upload to Facebook
    दफ़्न कर सकता हूँ सीने में तुम्हारे राज़ को;
    और तुम चाहो तो अफ़्साना बना सकता हूँ मैं!
    ~ Asrarul Haq Majaz
  • क्यों चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो;</br>
तन्हा हूँ आज मैं ज़रा घर तक तो साथ दो!Upload to Facebook
    क्यों चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो;
    तन्हा हूँ आज मैं ज़रा घर तक तो साथ दो!
    ~ Adil Mansuri
  • कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं;
ज़िंदगी तूने तो धोखे पे दिया है धोखा!Upload to Facebook
    कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं; ज़िंदगी तूने तो धोखे पे दिया है धोखा!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है;</br>
कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है!Upload to Facebook
    अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है;
    कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है!
    ~ Zehra Nigaah
  • हमारे इश्क़ में रुस्वा हुए तुम;</br>
मगर हम तो तमाशा हो गए हैं!Upload to Facebook
    हमारे इश्क़ में रुस्वा हुए तुम;
    मगर हम तो तमाशा हो गए हैं!
    ~ Athar Nafees
  • आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ;</br>
वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ!Upload to Facebook
    आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ;
    वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ!
    ~ Ummeed Fazli
  • इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के;</br>
आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के!Upload to Facebook
    इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के;
    आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के!
    ~ Sahir Ludhianvi
  • क्या सितम है कि अब तेरी सूरत;</br>
ग़ौर करने पे याद आती है!Upload to Facebook
    क्या सितम है कि अब तेरी सूरत;
    ग़ौर करने पे याद आती है!
    ~ Jaun Elia