Hindi Shayari

  • काफ़ी है मेरे दिल की तसल्ली को यही बात; 
आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया! Upload to Facebook
    काफ़ी है मेरे दिल की तसल्ली को यही बात; आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया!
    ~ Shakeel Badayuni
  • मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ;</br>
मुझे किसी पे भी अब कोई ऐतबार नहीं!Upload to Facebook
    मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ;
    मुझे किसी पे भी अब कोई ऐतबार नहीं!
    ~ Jawad Sheikh
  • किसी कली किसी गुल में किसी चमन में नहीं;</br>
वो रंग है ही नहीं जो तेरे बदन में नहीं!Upload to Facebook
    किसी कली किसी गुल में किसी चमन में नहीं;
    वो रंग है ही नहीं जो तेरे बदन में नहीं!
    ~ Farhat Ehsas
  • वस्ल में रंग उड़ गया मेरा;</br>
क्या जुदाई को मुँह दिखाऊँगा!</br></br>
 *वस्ल: मिलन  Upload to Facebook
    वस्ल में रंग उड़ गया मेरा;
    क्या जुदाई को मुँह दिखाऊँगा!

    *वस्ल: मिलन
    ~ Mir Taqi Mir
  • इश्क़ में कुछ नज़र नहीं आया;</br>
जिस तरफ़ देखिए अँधेरा है!Upload to Facebook
    इश्क़ में कुछ नज़र नहीं आया;
    जिस तरफ़ देखिए अँधेरा है!
    ~ Nooh Narvi
  • अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को;</br>
मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं!Upload to Facebook
    अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को;
    मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं!
    ~ Aasi Uldani
  • ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है;</br>
दर्द दिल का लिबास होता है!Upload to Facebook
    ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है;
    दर्द दिल का लिबास होता है!
    ~ Gulzar
  • क्यों न अपनी ख़ूबी-ए-क़िस्मत पे इतराती हवा;</br>
फूल जैसे एक बदन को छू कर आई थी हवा!Upload to Facebook
    क्यों न अपनी ख़ूबी-ए-क़िस्मत पे इतराती हवा;
    फूल जैसे एक बदन को छू कर आई थी हवा!
  • मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर;</br>
ये सोच ले कि मैं भी तेरी ख़्वाहिशों में हूँ!Upload to Facebook
    मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर;
    ये सोच ले कि मैं भी तेरी ख़्वाहिशों में हूँ!
    ~ Ahmad Faraz
  • लोग कहते हैं रात बीत चुकी;</br>
मुझ को समझाओ, मैं शराबी हूँ!Upload to Facebook
    लोग कहते हैं रात बीत चुकी;
    मुझ को समझाओ, मैं शराबी हूँ!
    ~ Saghar Siddiqui