Hindi Shayari

  • ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को;<br/>
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं!Upload to Facebook
    ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को;
    ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं!
    ~ Khumar Barabankvi
  • सब कुछ हम उन से कह गए लेकिन ये इत्तेफ़ाक़;<br/>
कहने की थी जो बात वही दिल में रह गई!Upload to Facebook
    सब कुछ हम उन से कह गए लेकिन ये इत्तेफ़ाक़;
    कहने की थी जो बात वही दिल में रह गई!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • एक मुद्दत से तेरी याद भी आयी न हमें;<br/>
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं!Upload to Facebook
    एक मुद्दत से तेरी याद भी आयी न हमें;
    और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • मुझे अब तुम से डर लगने लगा है;<br/>
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या!Upload to Facebook
    मुझे अब तुम से डर लगने लगा है;
    तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या!
    ~ Jaun Elia
  • मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे;<br/>
मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे!Upload to Facebook
    मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे;
    मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे!
    ~ Iftikhar Arif
  • हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल;<br/>
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती!<br/><br/>
*शहरियत: सभ्यता, शिष्टता, नागरिकता।Upload to Facebook
    हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल;
    उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती!

    *शहरियत: सभ्यता, शिष्टता, नागरिकता।
    ~ Wasim Barelvi
  • एक अजब हाल है कि अब उस को;<br/>
याद करना भी बेवफ़ाई है!Upload to Facebook
    एक अजब हाल है कि अब उस को;
    याद करना भी बेवफ़ाई है!
    ~ Jaun Elia
  • अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की;<br/>
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई!Upload to Facebook
    अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की;
    मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई!
    ~ Nushur Wahidi
  • मैं हूँ दिल है तन्हाई है;<br/>

तुम भी होते अच्छा होता!Upload to Facebook
    मैं हूँ दिल है तन्हाई है;
    तुम भी होते अच्छा होता!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले;<br/>
आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले!Upload to Facebook
    चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले;
    आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले!
    ~ Fidvi Lahori