अब तो हर बात याद रहती है; ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया! |
जवानी को बचा सकते तो हैं हर दाग़ से वाइज़; मगर ऐसी जवानी को जवानी कौन कहता है! |
तड़प जाता हूँ जब बिजली चमकती देख लेता हूँ; कि इस से मिलता-जुलता सा किसी का मुस्कुराना है! |
कुछ दर्द की शिद्दत है कुछ पास-ए-मोहब्बत है; हम आह तो करते हैं फ़रियाद नहीं करते! |
वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का; जो पिछली रात से याद आ रहा है! |
ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन; लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं! |
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है; मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है! |
आलम से बे-ख़बर भी हूँ आलम में भी हूँ मैं; साक़ी ने इस मक़ाम को आसाँ बना दिया! *आलम : दुनिया |
भोली बातों पे तेरी दिल को यकीन; पहले आता था अब नहीं आता! |
तेरा दीदार हो हसरत बहुत है; चलो कि नींद भी आने लगी है! |