टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर; वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए! |
कोई मंज़िल के क़रीब आ के भटक जाता है; कोई मंज़िल पे पहुँचता है भटक जाने से! |
जिन्हें हम देख कर जीते थे 'नासिर'; वो लोग आँखों से ओझल हो गए हैं! |
मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं; एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है! |
जो गुज़ारी न जा सकी हम से; हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है! |
मौत का भी इलाज हो शायद; ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं! |
मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है; मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है! |
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं; दिल हमेशा उदास रहता है! |
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ; अब क्या कहें ये क़िस्सा भी पुराना बहुत हुआ! |
ज़रा देखे कोई दैर-ओ-हरम को; मेरा वो यार हरजाई कहाँ है! |